Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
राज्य सरकार द्वारा मंगलवार रात जारी निर्देशों के अनुसार, 19 जून की सुबह तक किसी भी मछुआरे को ट्रॉलर या नाव लेकर समुद्र या नदी में मछली पकड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय खराब मौसम और संभावित समुद्री तूफान को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
कोलकाता। बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ने पर लगा वार्षिक प्रतिबंध समाप्त होते ही समुद्र में मौसम बिगड़ने लगा है। हालात को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार के आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा विभाग ने एक बार फिर मछुआरों के समुद्र में जाने पर रोक लगा दी है।
राज्य सरकार द्वारा मंगलवार रात जारी निर्देशों के अनुसार, 19 जून की सुबह तक किसी भी मछुआरे को ट्रॉलर या नाव लेकर समुद्र या नदी में मछली पकड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय खराब मौसम और संभावित समुद्री तूफान को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
कांथी क्षेत्र के मछली पालन अधिकारी (सामुद्रिक विभाग) सुमन साहा ने जानकारी दी कि यह निर्देश नवान्न (राज्य सचिवालय) से सभी संबंधित विभागों और मछुआरा संगठनों को भेजा गया है। उन्होंने कहा, "सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि 19 जून तक मछुआरे समुद्र की ओर न जाएं। जो ट्रॉलर पहले से ही समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत लौटने के निर्देश दे दिए गए हैं।"
गौरतलब है कि वार्षिक बैन समाप्त होते ही दो दिन पहले ही मछुआरे समुद्र में उतरे थे। बाजार में इलिश (हिलसा) मछली की हल्की आमद से उत्साह भी देखने को मिला था। लेकिन अब ताजा पाबंदी के चलते मछुआरों में मायूसी फैल गई है। सभी अब मौसम शांत होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे दोबारा गहरे समुद्र में जाकर मछलियों की तलाश कर सकें।
पश्चिम बंगाल में जून महीने में अक्सर समुद्री तूफानों और चक्रवातों की आशंका बनी रहती है। ऐसे में सरकार की यह रोक मछुआरों की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।